चक्रवाती तूफ़ान दिवार के बाद श्रीलंका में हो रही लगातार भारी बारिश और बाढ़ ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। विभिन्न इलाकों में पानी बढ़ने से 153 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 191 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति कार्यालय के मीडिया डिविज़न के निदेशक जयरत्ने प्रसाद गुलियानसे ने बताया कि स्थिति बिगड़ने के बाद पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया गया है। बीबीसी सिन्हला सेवा से बातचीत में उन्होंने पुष्टि की कि राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं।
श्रीलंका की मदद के लिए भारत ने भी एनडीआरएफ की टीमें भेजी हैं, ताकि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा सके।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि तूफ़ान से मकान, सड़कें और ज़रूरी ढांचों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगह पेड़ उखड़ गए हैं और जलभराव की वजह से संपर्क मार्ग पूरी तरह ठप हो गए हैं।
जयरत्ने प्रसाद ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने राहत कार्यों के लिए 80 से ज़्यादा मेडिकल टीमें और बचाव दल तैनात किए हैं। अभी तक 27 हजार से अधिक परिवार इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं और कई इलाकों में हालात अभी भी चिंताजनक हैं।
उन्होंने कहा कि, “हमारा फोकस लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और ज़रूरतमंदों तक मदद पहुंचाने पर है। राहत सामग्री लगातार भेजी जा रही है और प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि और जानें न जाएं।”

