प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार अब परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष की तरह परमाणु क्षेत्र में भी निजी क्षेत्र को अवसर देने की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही है।
दिल्ली में ‘इन्फिनिटी कॉन्फ्लुएंस’ कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा हाल ही में उपग्रह प्रक्षेपण की सफलता भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की बढ़ती क्षमता का स्पष्ट संकेत है।
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद ठीक उसी प्रकार अब परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भी नई नीति तैयार की जा रही है, जिससे उद्योगों को छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर, एडवांस्ड रिएक्टर और न्यूक्लियर इनोवेशन से जुड़े क्षेत्रों में काम करने की और ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत का उभरता हुआ अंतरिक्ष क्षेत्र वैश्विक निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक बन गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि हाल के वर्षों में भारत ने रिकॉर्ड संख्या में उपग्रह लॉन्च किये हैं और दुनिया भर की कंपनियों ने भारतीय लॉन्च सेवाओं पर भरोसा जताया है।
उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष स्टार्टअप्स का तेज़ विस्तार, सस्ता लॉन्च कॉस्ट और नई टेक्नोलॉजी अपनाने की क्षमता भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी बना रही है। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में युवाओं और स्टार्टअप्स को अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों में बड़े अवसर उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री के अनुसार, पिछले छह से सात वर्षों में भारत की अंतरिक्ष नीति में हुए बदलावों ने देश को वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति दिलाई है। उन्होंने कहा कि अब सरकार का लक्ष्य यह है कि अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा दोनों सेक्टर नई ऊर्जा, नई टेक्नोलॉजी और नवाचार के केंद्र बनें, जिससे देश की वैज्ञानिक प्रगति और आर्थिक मजबूती में योगदान मिले।

